चर्चा में क्यू ?
■ भारत में जल्द ही "इंडिया प्लास्टिक पैक्ट" अपनाया जाने वाला है।
■ यह पैक्ट भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) और वर्ल्ड वाइड फण्ड (WWF) के सहयोग से एशिया में पहली दफा सितम्बर में लॉन्च किया जाएगा।
■ गूगल द्वारा प्रकाशित प्लास्टिक सर्कुलेरिटी गैप रिपोर्ट 2021 में कहा गया है कि प्लास्टिक कचरे के प्रबंधन के लिए बड़े पैमाने पर वैश्विक हस्तक्षेप की जरुरत है।
■ इसी के चलते प्लास्टिक प्रबंधन के लिए भारत समेत दुनिया भर में प्रयास किये जा रहे हैं।
■ ऐसे पैक्ट यू.के., दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया सहित कई देशों में पहले से ही सक्रिय हैं।
क्या है इंडिया प्लास्टिक पैक्ट ?
■ यह एक महत्वाकांक्षी, सहयोगात्मक पहल है जिसका उद्देश्य पूरी मूल्य श्रृंखला में व्यवसायों, सरकारों और गैर-सरकारी संगठनों को एक साथ लाना है ताकि प्लास्टिक को उनकी मूल्य श्रृंखला से कम करने के लिए समयबद्ध प्रतिबद्धताएँ निर्धारित की जा सकें।
■ यह पैक्ट भारत में लागू होते ही विश्व स्तर पर अन्य प्लास्टिक संधियों के साथ जुड़ जाएगा इंडिया प्लास्टिक पैक्ट मार्गदर्शन के लिए एक रोड मैप विकसित करेगा, जिसके आधार पर सदस्यों के साथ मिलकर एक्शन ग्रुप बनाया जाएगा और इनोवेशन प्रोजेक्ट शुरू हो सकेगा
■ इंडिया प्लास्टिक पैक्ट का विजन, लक्ष्य और आकांक्षाएँ एलेन मैकआर्थर फाउंडेशन की न्यू प्लास्टिक इकोनॉमी के सर्कुलर इकोनॉमी सिद्धांतों के अनुरूप हैं
■ यह पैक्ट समग्र रूप से समाज अर्थव्यवस्था और पर्यावरण के लिहाज से फायदेमंद होगा
पैक्ट के लाभ:
■ यह पैक्ट पूरी प्लास्टिक उत्पादन प्रणाली और प्रबंधन के पारिस्थितिकी तंत्र के विकास और परिपक्वता को बढ़ावा देगा।
■ प्लास्टिक की सर्कुलेरिटी बढ़ेगी।
■ ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी और प्रदूषण निपटान में भी मदद मिलेगी।
उद्देश्य और लक्ष्य:
■ मौजूदा रैखिक प्लास्टिक प्रणाली को एक सर्कुलर प्लास्टिक अर्थव्यवस्था में बदलना; जो निम्न कार्यों को लक्षित करती है
- समस्याग्रस्त प्लास्टिक के उपयोग कम करना
- अन्य उत्पादों में उपयोग के लिये अर्थव्यवस्था में मूल्यवान सामग्री को बनाए रखना
- भारत में प्लास्टिक प्रणाली में रोजगार निवेश और अवसर पैदा करना
■ इंडिया प्लास्टिक पैक्ट के लक्ष्यों में शामिल हैं-
- रिडिजाइन और इनोवेशन से गैर-जरूरी और समस्याग्रस्त प्लास्टिक पैकेजिंग को खत्म करना
- यह सुनिश्चित करना कि सभी प्लास्टिक पैकेजिंग पुनः प्रयोज्य हैं
- संग्रह और पुनर्चक्रण को बढ़ाने के लिए प्लास्टिक पैकेजिंग का रीयूज और प्लास्टिक पैकेजिंग में पुनर्नवीनीकरण सामग्री को बढ़ाना
विश्व और भारत को ऐसे पैक्ट की जरूरत क्यों ?
■ भारत में हर साल 9.46 मिलियन टन प्लास्टिक कचरा उत्पन्न; जिसमें से 40% कचरा एकत्रित नहीं हो पाता
■ भारत में उत्पादित प्लास्टिक का 43% हिस्सा पैकेजिंग में प्रयुक्त; ज्यादातर हिस्सा सिंगल यूज प्लास्टिक का
■वैश्विक स्तर पर अगले 20 सालों में 7.7 बिलियन मीट्रिक टन से ज्यादा प्लास्टिक कचरे के कुप्रबंधन का अनुमान है; जो मानव आबादी के वजन के 16 गुना के बराबर होगा
■ सेंटर फॉर इंटरनेशनल एनवायरनमेंटल लॉ की 2019 की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2050 तक प्लास्टिक से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन 56 गीगाटन से अधिक तक पहुँच सकता है, जो शेष कार्बन बजट का 10.13% है।