हीनयान बौद्धवाद | Hinayana Buddhism

हीनयान बौद्धवाद | Hinayana Buddhism

इसका अर्थ है कम या साधन (वाहन) रहित होना। इस सम्प्रदाय में बुद्ध के मूल उपदेशों के अनुयायी सम्मलित हैं। यह एक रूढ़िवादी सम्प्रदाय है। ये बुद्ध की मूर्ति या चित्र की पूजा में विश्वास नहीं रखते। इनका व्यक्तिगत मोक्ष में विश्वास है और ये स्व-अनुशासन और ध्यान के माध्यम से व्यक्तिगत मोक्ष का प्रयास करते हैं। हीनयान का अंतिम लक्ष्य निर्वाण है। हीनयान का एक उप-सम्प्रदाय स्थाविरवाद या थेरवाद है। हीनयान प्राज्ञ (विद्वान) जनसंवाद के लिए पालि भाषा का उपयोग करते थे।सम्राट अशोक ने हीनयान सम्प्रदाय को संरक्षण दिया क्योंकि महायान बहुत बाद में अस्तित्व में आया था। वर्तमान युग में हीनयान का इसके मूल स्वरूप में अस्तित्व लगभग समाप्त हो चुका है।


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