चर्चा में क्यू ?
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने भारत का पहला इलेक्ट्रॉनिक वाउचर आधारित डिजिटल पेमेंट सिस्टम 'e-RUPI' लॉन्च किया है। यह देश में डिजिटल भुगतान प्रणाली को और बढ़ावा देगा; साथ ही यह डिजिटल करेंसी के रूप में भारत का पहला कदम भी है। इस प्लेटफॉर्म का विकास NPCI, डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज, मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर और नेशनल अथॉरिटी द्वारा मिलकर किया गया है।
क्या है और कैसे काम करता है 'e-RUPI' ?
यह एक प्रकार का कैशलेस और संपर्क रहित भुगतान का माध्यम जिसे QR कोड या SMS स्ट्रिंग-आधारित ई-वाउचर के माध्यम से लाभार्थी तक पहुँचाया जायेगा। e- RUPI अपने लाभार्थियों और सेवा प्रदाताओं के साथ सेवाओं के प्रायोजकों को बिना किसी भौतिक इंटरफेस के जुड़ने की सुविधा प्रदान करता है।साथ ही यह इस बात को भी सुनिश्चित करता है कि लेन-देन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही सेवा प्रदाता को भुगतान किया जाए। यह एक व्यक्ति-विशिष्ट और उद्देश्य विशिष्ट भुगतान प्रणाली होगी।
वाउचर कैसे जारी किए जाएंगे?
इसका विकास NPCI ने अपने UPI प्लेटफॉर्म पर किया है और सभी बैंक e-RUPI जारी करने वाली संस्था होंगे।किसी भी कॉरपोरेट या सरकारी एजेंसी को (जो निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्र के ऋणदाता हैं) विशिष्ट व्यक्तियों के विवरण और उस उद्देश्य के लिए जिसका भुगतान किया जाना है; इन साझेदार बैंकों से संपर्क करना होगा। लाभार्थियों की पहचान उसके मोबाइल नम्बर द्वारा की जाएगी। बैंक द्वारा सेवा प्रदाता को एक वाउचर आवंटित किया जायेगा जो जिस खास शख्स के नाम पर होगा केवल उसे ही दिया जायेगा।
e-RUPI का उपयोग और महत्त्व ?
■ सरकार के मुताबिक इसका उपयोग सुशासन में और लोक-कल्याण सेवाओं की लीक - प्रूफ डिलीवरी सुनिश्चित करने हेतु किया जा सकेगा ।
■ इसका उपयोग आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, उर्वरक सब्सिडी, मातृ एवं बाल कल्याण योजनाओं, टीबी उन्मूलन कार्यक्रम और पोषण सहायता प्रदान करने वाली योजनाओं के तहत सेवाएँ देने के लिए भी किया जा सकता है।
■ निजी क्षेत्र भी अपने कर्मचारियों के कल्याण और कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व कार्यक्रमों के हिस्से के रूप में इन डिजिटल वाउचरों का लाभ उठा सकते हैं।
■ सरकार द्वारा RBI की डिजिटल मुद्रा विकसित करने पर भी विचार किया जा रहा है और e-RUPI का शुभारम्भ इस दिशा में डिजिटल भुगतान के बुनियादी ढांचे में कितनी क्षमता निहित है इसका आंकलन करने में मददगार साबित होगा।
वाउचर आधारित कल्याण प्रणाली के वैश्विक उदाहरण :
■ अमेरिका सहित कई अन्य देश जैसे कोलंबिया, चिली, स्वीडन, हांगकांग आदि में स्कूल वाउचर सिस्टम का उपयोग किया जा रहा है।
■ अमेरिका में स्कूल वाउचर या एजुकेशन वाउचर जैसा एक तंत्र विकसित है जिसके जरिये सरकार स्टूडेंट्स की शिक्षा का वित्तपोषण करती है।
Thanks...for details topic
ReplyDelete