■ विश्व की सबसे ऊँची परिवहनयोग्य सड़क का निर्माण लद्दाख में किया गया है।
■ इसका निर्माण सीमा सड़क संगठन (BRO) द्वारा किया गया है।
■ 19,300 फीट की ऊँचाई पर स्थित यह सड़क पूर्वी लद्दाख में उमलिंगला दर्रे से होकर गुजरती है।
■ इस परियोजना की शुरुआत वर्ष 2017 में की गयी थी।
■ इस सड़क का निर्माण हिमांक परियोजना के तहत किया गया है।
■ यह सड़क सामरिक रूप से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि सड़क से जुड़े गाँव भारत-चीन सीमा के बहुत करीब हैं।
■ इस सड़क निर्माण के साथ ही भारत ने बोलीविया से सबसे ऊँची सड़क होने का ख़िताब छीन लिया।
■ बता दें कि बोलीविया ने उटुरुंकु (Uturuncu) ज्वालामुखी को जोड़ने के लिए 18,935 फीट की ऊँचाई पर एक सड़क बनाई है।
■ 52 km लम्बी यह ब्लैक-टॉप सड़क पूर्वी लद्दाख के चुमार सेक्टर के कई महत्त्वपूर्ण शहरों को जोड़ती है।
■ इस सड़क का निर्माण माउंट एवरेस्ट के आधार शिविरों की तुलना में अधिक ऊँचाई पर किया गया है।
■ जिसमें नेपाल में दक्षिण आधार शिविर 17,598 फीट और तिब्बत में उत्तरी आधार शिविर 16,900 फीट पर है।
■ यह सड़क सियाचिन ग्लेशियर की तुलना में काफी अधिक ऊँचाई पर बनाई गयी है; जो 17,700 फीट की ऊँचाई पर स्थित है।
■ यह सड़क लेह से चिसुमले और डेमचोक को जोड़ने हेतु सीधा वैकल्पिक मार्ग भी प्रदान करती है।
■ यह लद्दाख में पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ वहां के निवासियों की सामाजिक आर्थिक स्थिति को भी मजबूती प्रदान करेगी।