विद्वानों का यह मानना है कि वज्रयान सम्प्रदाय का विकास शाही दरबारों द्वारा बौद्ध धर्म और शैववाद दोनों ही को संरक्षण देने से हुआ अर्थात् उनका कहना है कि यह हिंदू धर्म से प्रभावित है। इनके प्रमुख देवी तारा हैं। इसमें बौद्ध दर्शन के साथ ब्राहमणवादी (वेद आधारित) अनुष्ठान भी सम्मलित होते हैं। वज्रयान बौद्ध दर्शन के महायान पर आधारित है। यह सम्प्रदाय तांत्रिक अनुष्ठानों सहित कई कुशल उपायों (तंत्र मंत्र और यंत्रों की श्रेष्ठता) को मुक्ति के तीव्र साधन मानता है। इस सम्प्रदाय के अनुसार, महायान की छः पूर्णता या परमिता की तुलना में मन्त्र, बुद्धत्व प्राप्त करने का एक सरल उपाय है।विश्व की 5.7 प्रतिशत बौद्ध जनसंख्या इससे सम्बन्धित है। देश जहाँ इसके अनुयायी हैं उनमें तिब्बत, भूटान, मंगोलिया कल्पकिया आदि सम्मलित हैं।
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