भारत का पहला स्वदेश निर्मित विमान वाहक पोत (IAC 1) का समुद्री परीक्षण केरल के कोच्चि तट पर शुरू हो गया है। इस पोत का निर्माण कोचिन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा किया गया है और इसे बनाने में करीब 23 हज़ार करोड़ रूपये की लागत आई है। परीक्षण में सफल होने के बाद इसे पूर्वी नेवल कमांड में आईएनएस विक्रांत के रूप में शामिल किया जाएगा। आईएनएस विक्रांत देश में निर्मित अब तक का सबसे बड़ा और जटिल युद्धपोत है। इसका वजन 40 हज़ार टन है।
कुछ प्रमुख बातें :
■ 1971 के युद्ध में 'विक्रांत' नाम के जहाज ने बेहद अहम भूमिका निभायी थी। उसी जहाज के नाम पर इस विमानवाहक युद्धपोत का नाम आईएनएस विक्रांत रखा गया है।
■ IAC-1 में एयरक्राफ्ट लॉन्च का STOBAR (short take off but arrested recovery) सिस्टम और फ्लाइट डेक रिकवरी की व्यवस्था है।
■ IAC-1 की कुल लंबाई 263 मीटर जबकि चौड़ाई 63 मीटर है। यह पोत कॉम्बैट जेट्स और हेलिकॉप्टर समेत 30 एसोर्टेड विमानों को ले जाने में सक्षम है।
■ यह पोत Barak LR-SAM (long surface to air missile) एयर डिफेंस और एके-630 हथियारों से लैस है।
■ आईएनएस विक्रांत को अगस्त 2022 तक सेना में शामिल किए जाने की उम्मीद है।
■ फिलहाल आईएनएस विक्रमादित्य भारत का इकलौता विमानवाहर पोत है जो रूस से लिया गया था।
The Indigenous Aircraft Carrier 'Vikrant', designed by Indian Navy's Design Team and built by @cslcochin, undertook its maiden sea sortie today. A wonderful example of @makeinindia. Congratulations to @indiannavy and @cslcochin on this historic milestone. pic.twitter.com/AjnafkxOaT
— Narendra Modi (@narendramodi) August 4, 2021