भारत की संविधान में 42 वें संविधान संशोधन अधिनियम 1976 में निर्देशक तत्वों की मूल सूची में चार तत्वों और जोड़े गए । यह कुछ इस प्रकार हैं :
1) बच्चों के स्वस्थ विकास के लिए अवसरों को सुरक्षित करना (अनुच्छेद 39 )।
2) समान न्याय को बढ़ावा देने के लिए और गरीबों को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए (अनुच्छेद 39A)।
3) उद्योगों के प्रबंधन में श्रमिकों की भागीदारी को सुरक्षित करने के लिए कदम उठाने के लिए (अनुच्छेद 43A)।
4) रक्षा और पर्यावरण को बेहतर बनाने और जंगलों और वन्य जीवन की रक्षा करने के लिए (अनुच्छेद 48A)।
44वां संशोधन अधिनियम, 1978 एक और निदेशक तत्व को जोड़ता है जो राज्य से अपेक्षा रखता है कि वह आय, प्रतिष्ठा एवं सुविधाओं के अवसरों में असमानता को समाप्त करे (अनुच्छेद 38 ) ।
86वें संशोधन अधिनियम, 2002 में अनुच्छेद 45 की विषय-वस्तु को बदला गया और प्राथमिक शिक्षा को अनुच्छेद 21 क के तहत मूल अधिकार बनाया गया। संशोधित निदेशक तत्वों में राज्य से अपेक्षा की गई है कि वह बचपन देखभाल के अलावा सभी बच्चों को 6 वर्ष की आयु तक निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराएगा।
सहकारी समितियों से सम्बन्धित एक नया 97वां संशोधन अधिनियम 2011 द्वारा सहकारी समितियों से सम्बन्धित एक नया नीति-निदेशक सिद्धांत जोड़ा गया है। इसके अंतर्गत राज्यों से यह अपेक्षा की गई है कि वे सहकारी समितियों के स्वैच्छिक गठन, स्वायत्त संचालन, लोकतांत्रिक निमंत्रण तथा व्यावसायिक प्रबंधन को बढ़ावा दें (अनुच्छेद 43B) ।
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