पृथ्वी पर चार प्रमुख मंडल है । ये कुछ इस प्रकार हैं : वायुमंडल , जलमंडल , स्थलमंडल तथा जीवमंडल । ये चारों मंडल एक-दूसरे पर आधारित हैं तथा एक दूसरे को प्रभावित करते हैं ।
वायुमंडल (Atmosphere):
पृथ्वी के चारों और गैस के आवरण को वायुमंडल कहते हैं । पृथ्वी के आंतरिक भाग से ही वायुमंडल के सभी गैसों की उत्पति हुई है। वायुमंडल 1,600 किमी ऊंचाई तक फैला है। वायुमंडल को पांच परतों में विभाजित किया जाता हैं ये कुछ इस प्रकार हैं - क्षोभमंडल(Troposphere) , समतापमंडल(stratosphere) , मध्यमंडल(Mesophere) , तापमंडल (Thermosphere), बाह्यमण्डल(Exosphere) ।
वायुमंडल में गैसों का परिणाम :
वायुमंडल में गैसों का परिणाम कुछ इस प्रकार है :
गैस | आयतन |
---|---|
नाइट्रोजन | 78.09% |
ऑक्सीजन | 20.9 |
आर्गन | 0.93% |
कार्बन डाइऑक्साइड | 0.03% |
निऑन | 0.0018% |
हाइड्रोजन | 0.001% |
हीलियम | 0.000524% |
क्रिप्टन | 0.0001% |
ज़ेनान | 0.000008% |
ओज़ोन | 0.000001% |
मीथेन | ~ |
वायुमंडल की परतें :
क्षोभमंडल(Troposphere) :
यह परत बायुमंडल के सबसे महत्वपूर्ण परत हैं। इसकी औसत ऊंचाई 13 किमी है । हम इसी मंडल में मौजुद वायु में सांस लेते हैं । मौसम की लगभाग सभी घटनाएं जैसे वर्षा , कोहरा , ओलावर्षण इसी परत के अंदर होते हैं । प्रति 165 मीटर की ऊंचाई पर वायु का तापमान 1° C की औसत दर से घटता है, इसे सामान्य ताप पतन दर कहते हैं । इस मंडल को वायुमंडल की सबसे छोटी परत भी कहते हैं ।
समतापमंडल(stratosphere) :
क्षोभमंडल(Troposphere) का ऊपर का भाग समताप मंडल कहलाता है । ये लागभग 50 किलोमीटर की ऊंचाई तक फैला है । ये परत बदलों एवं मौसम संबंधी सभी घटनाओं से लगभाग मुक्त होती हैं । इसके फलस्वरूप यहां की परिस्थितियां हवाई जहाज उड़ाने के लिए आदर्श होती है। समतापमंडल की और एक महत्वपूर्ण विशेषता यह है की इसमें ओज़ोन गैस की परतें होती हैं , यह परत सूर्य से आने वाले हानिकारक गैसों से हमारी रक्षा करती है । यह परत पृथ्वी को अधिक गर्म होने से बचाती हैं और यहां से अधिक ऊपर जानें से तापमान में बढ़ोतरी होती है ।
मध्यमंडल(Mesophere) :
यह परत बायुमंडल की तीसरी परत हैं , यह समताप मंडल की ठीक ऊपर है । यह लगभाग 80 किलोमीटर ऊंचाई तक फैला है। अंतरिक्ष से आने वाले उल्कापिंड इसी परत में आने पर जल जाते हैं । इस परत में तापमान में गिरावट होती हैं ।
तापमंडल (Thermosphere) :
बायुमंडल में बढ़ती ऊंचाई के साथ तापमान अतिरिक्त तीव्रता में बढ़ता है । आयनमंडल इस परत का एक भाग है और यह 80 से 400 किलोमीटर की ऊंचाई तक फैला है । रेडियो संचार के लिए इस परत का उपयोग होता है । वास्तव में पृथ्वी से प्रसारित रेडियो तरंगे इसी परत द्वारा पुनः पृथ्वी पर पराबर्तित कर दी जाती हैं ।
बाह्यमण्डल(Exosphere) :
बायूमंडल के सबसे ऊपरी परत को बाह्यमण्डल के नाम से जाना जाता है । यह वायु की पतली परत होती है । हल्की गैस जैसे हीलियम एवं हाइड्रोजन यहीं से अंतरिक्ष में तैरती रहती हैं।
जलमंडल (Hydrosphere) :
पृथ्वी पर जल ठोस , तरल तथा वाष्प के रुप मेंं पाया जाता हैं । पृथ्वी के धरातल पर पाया जानें वाला जल दो प्रकार का हैं - (i) लवणयुक्त (समुद्र का जल ) , (ii) ताजा पानी । हमारा सौरमंडल पर सिर्फ़ पृथ्वी ही एक मात्र ग्रह है जहां पानी पाई जाती हैं । पृथ्वी के सतह का कुल क्षेत्रफल के लग्भग ७१ प्रतिशत भाग में जल का विस्तार है , इसलिए पृथ्वी को जलीय ग्रह भी कहां जाता है ।
स्थलमंडल (Lithosphere):
पृथ्वी के ऊपरी पटल को स्थलमंडल कहते हैं । ये जीवमंडल का महत्वपूर्ण भाग हैं । स्थलमंडल संपूर्ण पृथ्वी के क्षेत्रफल का 29% है । हमारा भूपटल पृथ्वी की आंतरिक भागों की तुलना में काफ़ी भंजलशील है । इस पर विभिन्न प्रकार की भू-आकृतियाँ पाई जाती हैं , जैसे- पहाड़़, पठार आदि।
जीवमंडल (Lithosphere):
पृथ्वी पर जहां वायुमंडल , जलमंडल तथा स्थलमंडल मिलते हैं, वहां जीवमंडल पाया जाता हैं । जीबमंडल को पारिस्थितिकी मंडल भी कहां जाता हैं । जीबमंडल सागर तल से लगभग 8 किलोमीटर ऊंचाई तक पाई जाती हैं । जीबमंडल महासागरों के तल, लगभग 11,000 मीटर पृथ्वी की सतह के नीचे से लेकर 9000 मीटर की ऊंचाई तक विस्तारित हैं । जीबमंडल में सबसे ज्यादा जीवन महासागर की सतह से 200 मीटर और समुद्रतल से लगभाग 6000 मीटर की ऊंचाई के बीच पाया जाता हैं ।
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